सृष्टि से पहले सत् नहीं था
असत् भी नहीं,
अंतरिक्ष भी नहीं
आकाश भी नहीं था |
छिपा था क्या, कहाँ
किसने ढंका था,
उस पल को
अगम अटल जल भी कहाँ था |
सृष्टि का कौन है कर्ता
कर्ता है बांह अकड़ता
ऊँचे आकाश में रहता
सदा अध्यक्ष बना रहता
वही सचमुच में जानता
या नहीं भी जानता
है किसी को नहीं पता
नहीं है पता, नहीं है पता |
- वसंत देव ("भारत एक खोज" का शीर्षक गीत)
असत् भी नहीं,
अंतरिक्ष भी नहीं
आकाश भी नहीं था |
छिपा था क्या, कहाँ
किसने ढंका था,
उस पल को
अगम अटल जल भी कहाँ था |
सृष्टि का कौन है कर्ता
कर्ता है बांह अकड़ता
ऊँचे आकाश में रहता
सदा अध्यक्ष बना रहता
वही सचमुच में जानता
या नहीं भी जानता
है किसी को नहीं पता
नहीं है पता, नहीं है पता |
- वसंत देव ("भारत एक खोज" का शीर्षक गीत)