Wednesday, February 8, 2012

खुल रही हैं खिड़कियां


कह रहा है आसमां 
और ये सारा जहां 
तोड़ दे सब बंधनो को 
दूर है मंज़िल कहां 

उठ जाग जा के देख ले 
हो गया सवेरा नया 
आ सूर्य से नजरें मिला ले 
खुल रही हैं खिड़कियां, खुल रही हैं खिड़कियां |

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