Friday, August 22, 2014

जय श्री राम

अच्छा, तो हिमालय पर्वतों की तीन श्रृंखलाएं हैं - हिमाद्रि, हिमाचल और शिवालिक। 


(नेपथ्य से) "जय श्री राम, जय श्री राम"


नहीं, नहीं। राम के नाम पर कोई नहीं है। सबसे दक्षिण वाली श्रृंखला तो शिवालिक है।



"जय श्री राम, जय श्री राम"



ओह, अब समझा, ये तो अंतर्मन की आवाज नहीं बल्कि बाहरी विश्व की पुकार लगती है। चलकर देखूं, इस भारतीय भूगोल की रचना से तो ज्यादा ही रोचक होगा। 


कम से कम बीसियों की संख्या में होंगे। बड़े ही युवा साधु हैं। गेरुए वस्त्र, हाथों में मोबाइल फ़ोन, कानों में माइक्रोफोन और जिह्वा पर राम का नाम - धर्म और आधुनिकता का ऐसा मिलन तो कम ही देखने को मिलता है। लेकिन, आज क्यों? पहले तो नहीं देखा इनको। आज कोई खास दिन है? आज तो शुक्रवार है। रामनवमी बीते भी काफी दिन हो गए। जरूर कोई और पर्व होगा। तारीख कौन सी है आज ?


16 मई, 2014 


ओह!



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ps

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